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पढ़ा-लिखा समाज दिखावा बिना शर्त के प्रेम शिक्षित समाज आजादी स्वप्रेम आज का विचार सुधार देती नारी समाज का ढोंग है नौकरी नारी सम्मान समाज रिवाज बेड़ियां स्वर्णिम प्रभात बच्चों की शिक्षा अज्ञान का तम लेखनी समाज विचार दिशा बनेजिससेतकदीरदेशकीमैंऐसीखुद्दारीलिखतीहूँ। समाज परिदृश्य समाज संस्कृति निज सुधार

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